कम खर्च में शुरू करें वर्मी कंपोस्ट का व्यापार (Start vermi compost business at low cost)
पढ़ाई के बाद एक अच्छी नौकरी न मिल पाना यह एक आम समस्या हो गई है इसलिए देश के युवाओं ने नए विकल्पों को खोजना शुरू कर दिया है | जिससे वे ना ही केवल आत्मनिर्भर हुए बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार उत्पन्न कर रहे हैं और साथ में मोटा मुनाफा भी कमा रहे हैं |
ऐसा ही किया मध्य प्रदेश के एक किसान राहुल ने जिनके पिता जी भी पेशे से किसान ही हैं राहुल ने अपनी नौकरी जाने के बाद खुद का व्यापार शुरू करने का निर्णय लिया जब वे नए व्यापारों की जानकारी ले रहे थे तभी उन्हें वर्मी कंपोस्ट के बिजनेस के बारे में पता चला और उन्होंने वर्मी कंपोस्ट के व्यापार के बारे में अधिक जानकारी ली और जिससे उन्हें पता चला कि इस व्यापार को शुरू करने में ना ही अधिकतम लागत लगती है और ना ही किसी बड़े स्पेस की जरूरत होती है राहुल बताते हैं की वर्मी कंपोस्ट की मांग ना केवल गाँवो में बल्कि शहरों में भी बहुत अधिक है |
इसी मांगों को पूरा करने के लिए राहुल ने अपने खेत के ही एक छोटे हिस्से में वर्मी कंपोस्ट का प्लांट लगाया |
वर्मी कंपोस्ट को तैयार करने के लिए किन चीजों की जरूरत पड़ती है (required material)
राहुल बताते हैं कि वर्मी कंपोस्ट को तैयार करने के लिए किसी ऐसे सामान की आवश्यकता नहीं पड़ती है जो कि बड़ी मुश्किल से उपलब्ध हो सके| वह बताते हैं कि वर्मी कंपोस्ट को बनाने के लिए मात्र गाय का गोबर, घर से निकलने वाले सब्जियों के छिलके, फलों के छिलके ,केचुओ और वर्मीबेड की आवश्यकता पड़ती है |
राहुल बताते हैं कि हम सभी जानते हैं कि किसी भी गांव में 60 फ़ीसदी पशुपालक होते ही हैं जिसके कारण उन्हें किसी भी प्रकार से गोबर का अभाव नहीं होता है और अपने गांव के घरों से निकलने वाले सब्जियों के कचरो को वह वी.के वर्मीबेड में ही एकत्र कर लेते है |
राहुल बताते हैं कि वैसे तो हम गड्ढा बनाकर भी वर्मी कंपोस्ट को तैयार कर सकते हैं लेकिन वे वी.के पैक वेल वर्मी बेड के माध्यम से ही वर्मी कंपोस्ट तैयार करना उपयुक्त मानते हैं वह कहते हैं कि गड्ढे में तैयार की गई वर्मी कंपोस्ट में नमी रह जाती है जिससे कि उसकी गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है |
जिससे कि उन्हें यह तैयार वर्मी कंपोस्ट मार्केट में बेचने में दिक्कत आती है जबकि वीके वर्मी बेड में तैयार की गई वर्मी कंपोस्ट में किसी प्रकार की नमी नहीं रह जाती है और नमी ना होने के कारण तैयार खाद की क्वालिटी काफी उच्च होती है |
लागत (Costing)
राहुल बताते हैं उन्होंने इस व्यापार को शुरू करने के लिए शुरुआती दौर में मात्र ₹40000 का इन्वेस्टमेंट किया था जिसमें उन्होंने वी.के पैकवेल कंपनी से 18 बेड वर्मी बेड खरीदे थे और गांव के एक संस्थान से केचुओं की खरीदी की थी और छोटे बड़े सभी खर्चे इसी इन्वेस्टमेंट में सम्मिलित है |
मुनाफा profit
राहुल बताते हैं कि 12*4*2 एक वर्मी बेड से 600 किलो खाद तैयार होती है और 10 किलो खाद की मार्केट वैल्यू ₹600 के करीब होती है इस हिसाब से आपको एक बेड से ₹36000 की कमाई होती है |और जैसा कि राहुल ने बताया कि उन्होंने 18 वर्मी बेड से शुरुआत की थी तो उनके पास करीब 10800 किलो खाद तैयार थी जिससे कि उन्होंने 6,48,000 रुपए कमाया | राहुल बताते हैं कि वह आज करीब 50 वर्मी बेड की सहायता से अपने प्लांट का संचालन कर रहे हैं |